शिवजी के मस्तक पर चंद्रमा क्यों विराजमान है ? आइए जानते हैं |
आइए जानते हैं शिव जी के मस्तक पर चंद्र क्यों विराजमान है भगवान शिव के शीष पर चंद्र धारण करने को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं शिव पुराण के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब विष निकला तो सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शिव ने स्वयं विष को ग्रहण किया था यह विष उनके कंठ में जमा हो गया जिसके कारण उन्हें नीलकंठ कहा गया कथा के अनुसार विषपान के प्रभाव से शंकर जी का शरीर अत्यधिक गर्म होने लगा था इस दौरान चंद्र समेत अन्य देवी देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वह अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करें जिससे उनके शरीर में शीतलता बनी रहे ऐसा माना जाता है कि श्वेत चंद्रमा बहुत शीतल होता है यह सृष्टि को शीतलता देने में मदद करते हैं इसलिए देवी देवताओं के अनुरोध पर भगवान महादेव ने अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण किया मान्यता है कि तभी से उनके मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है
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@Milina-zu3ig
1 month ago
Om namah shivay❤
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