PokeVideoPlayer v23.9-app.js-020924_
0143ab93_videojs8_1563605 licensed under gpl3-or-later
Views : 121,058
Genre: Entertainment
Uploaded At May 19, 2023 ^^
warning: returnyoutubedislikes may not be accurate, this is just an estiment ehe :3
Rating : 5 (1/8,934 LTDR)
99.99% of the users lieked the video!!
0.01% of the users dislieked the video!!
User score: 99.98- Masterpiece Video
RYD date created : 2024-01-05T12:54:05.39102Z
See in json
Top Comments of this video!! :3
❝ वेदः शिवः शिवो वेद: ❞ अर्थात वेद ही शिव है, और शिव ही वेद है ।
अथर्ववेद📚
ग्यारहवां कांड
सुक्त-२
• तव चतस्रः प्रदिशस्तव द्यौस्तव पृथिवी तवेदमुग्रोर्वन्तरिक्षम् । तवेदं सर्वमात्मन्वद्यत्प्राणत्पृथिवीमनु ॥१०॥
हे अतिशय बलशाली रुद्र ! पूर्व आदि चार दिशाएं तुम्हारे अधिकार में हैं . द्यौ , पृथ्वी , विशाल अंतरिक्ष तथा आत्मा के द्वारा भोक्ता के रूप में वर्तमान सारे शरीर तुम्हारे अधिकार में है . पृथ्वी पर जितने सांस लेने वाले हैं , वे भी तुम्हारे अधिकार में हैं . इन सब पर कृपा करने के लिए तुम्हें नमस्कार है . ( १० )
Bhavarth : सब ब्रह्माण्ड व सब प्राणी प्रभु के प्रशासन में ही चल रहे हैं ।
Sandarbh : प्रभु के प्रशासन में
जिन जगन्नियन्ता जगदाधार वेदवर्णित अद्वितीय परमेश्वर से यह सम्पूर्ण जगत सदा - सभी अवस्थाओ मे सर्वथा व्याप्त है । जो काल के भी महाकाल है--अर्थात जो काल की सीमाओ से भी परे है। जो ज्ञानस्वरूप चिन्मय परमात्मा सुह्वदता आदि दिव्य गुणो से नित्य सम्पन्न है , समस्त गुण जिनके स्वरूपभूत और चिन्मय है, जो समस्त ब्रह्माण्डो को भली प्रकार से जानते है , उन्ही का चलाया हुआ यह जगत्-चक्र नियमपूर्वक चल रहा है
2 |
@bkshuklaji-nk3pv
1 year ago
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
1 |