कान के पर्दे में छेद होना या फटना आपकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ईयरड्रम यानि कि कान का पर्दा को टिम्पेनिक झिल्ली के रूप में भी जाना जाता है। कान में पाई जाने वाली यह एक ऐसी परत है जो ध्वनि के कंपन्न को प्राप्त करती है और इसे श्रवण अस्थियों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे हमें सुनाई देता है। जब इस ईयरड्रम में छेद होता है तो उसे छिद्रण कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति छिद्रित ईयरड्रम की समस्या से परेशान है तो उसे तुरंत डॉक्टर से सहायता लेनी चाहिए। छिद्रित ईयरड्रोम से पीड़ित व्यक्ति अगर इलाज के लिए देर करता है तो उसकी सुनाई देने की क्षमता कम हो सकती है या वह अपनी सुनने की क्षमता को खो सकता है।
कई मामलों में ऐसा देखा जाता है कि अगर पर्दे का छेद छोटा है तो यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है या कान के लिए दी जाने वाली कुछ दवाओं की मदद से भी ठीक हो जाता है। वहीं अगर कान के परदे का छेद बड़ा है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह दवाइयों या डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार की मदद से ठीक नहीं होगा। कान के परदे में छेद होने की वजह से कान में दर्द, कान से पानी आना या सुनने की क्षमता में की जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऑपरेशन की मदद से सुनने की क्षमता को ठीक किया जा सकता है। इसे सर्जिकल प्रक्रिया या टिम्पोनोप्लास्टी कहा जाता है। इससे कान के पर्दे में छेद होने के सभी लक्षणो को ठीक किया जा सकता है।
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1 month ago
Good information doctor didi 🙏
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