یہ چینل بنانے کا مقصد ادب کو فروغ دینا ھے۔ شاعری کو اجاگر کرنا اور سننے والوں کی سماعتوں تک دسترس دینا ھے۔ مزید برآں وہ شاعری جو منظر سے اوجھل ھے یا وہ شعراء جو اپنى عمدہ تخلیقات کے باوجود منظر عام پر نہیں آ پا رہے ان شعرا کرام کی عزت افزائى کرنا اور عقیدت پیش کرنا ہے ۔بلخصوص وہ شعرا جو اس دنیا میں نہیں رھے مگر ادب کی خدمت میں سنگ میل کی حیثیت رکھتے ھیں، کو متعارف کرانا ھے۔
यह चैनल बनाने का मकसद अदब को फरोग देना है -
शायरी को उजागर करना और सुनने वालो की समाअतों तक दसतरस देना है.मज़ीद ये कि वह शायरी जो मंज़र से ओझल है या वह शुअरा जो अपनी उम्दा तख्लीक़ात के बावजूद मंज़रे आम पर नहीं आपा रहे उन शुअरा_ए_किराम की इज़्ज़त अफज़ाई करना और अक़ीदत पैश करना है -
बिलखुसूस वह शुअरा जो इस दुनिया में नही रहे मगर अदब की खिदमत में संगे मील की हैसियत रखते हैं 'मुताआरिफ कराना है.